झारखंड

Non Veg Food in Vande Bharat Express: सावन में वंदे भारत एक्सप्रेस में वेज की जगह परोसा गया नॉनवेज खाना, यात्री ने वेटर को जड़ा थप्पड़, वीडियो वायरल

Non Veg Food in Vande Bharat Express: सावन के महीने में पूरा देश शिव भक्ति में डूबा हुआ है। लाखों लोग पैदल चलकर भगवान भोलेनाथ के दरबार में....

हावड़ा, Non Veg Food in Vande Bharat Express: सावन के महीने में पूरा देश शिव भक्ति में डूबा हुआ है। लाखों लोग पैदल चलकर भगवान भोलेनाथ के दरबार में पहुंच रहे हैं और जल चढ़ा रहे हैं. लेकिन इस बीच सावन के महीने में ट्रेन में नॉनवेज खाना परोसे जाने का मामला सामने आया है. हैरान करने वाली बात ये है कि ये घटना मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट वंदे भारत एक्सप्रेस में घटी है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

Non Veg Food in Vande Bharat Express: मिली जानकारी के मुताबिक,एक यात्री को वेज की जगह नॉनवेज खाना परोस दिया

हावड़ा से रांची जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस में एक वेटर ने गलती से एक यात्री को वेज की जगह नॉनवेज खाना परोस दिया. यात्री को इसका एहसास तब हुआ जब उसने खाने का पैकेट साफ देखा. सावन के महीने में वेटर की इस हरकत को देखकर बुजुर्ग यात्री भड़क गया और उसने वेटर को दो थप्पड़ जड़ दिए. बताया जा रहा है कि यह घटना 26 जुलाई की है.वायरल वीडियो में बाकी यात्रियों को बुजुर्ग यात्री से भिड़ते देखा जा सकता है. कुछ लोगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि यात्री को वेटर से माफी मांगनी चाहिए. खाने के पैकेट पर बने निशान को लेकर एक शख्स पूछता है, ‘ये कहां लिखा है?’ तुमने उसे क्यों मारा? यह इतना लंबा हो गया है!’ इस बीच वेटर खूब माफी मांगता नजर आ रहा है. मौके पर एक पुलिसकर्मी भी तैनात है जो मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है.इसी घटना का एक और वीडियो क्लिप सामने आया है।

इसमें वंदे भारत ट्रेन में सवार दूसरे यात्री बुजुर्ग व्यक्ति से वेटर से माफी मांगने के लिए कहते नजर आते हैं। कपिल नाम के एक्स यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘गलती से मांसाहारी खाना परोसने पर एक व्यक्ति ने वेटर को थप्पड़ मार दिया। हालांकि, बाकी यात्री वेटर के समर्थन में खड़े हो गए।’ वीडियो पर एक यूजर ने कमेंट किया, ‘लोगों को सही चीजों के लिए खड़े होते देख अच्छा लगा। यह दुर्लभ घटना है।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘नेतागिरी और गुंडागर्दी के खिलाफ आम लोगों को आवाज उठाते हुए देखकर अच्छा लगता है। समाज को सत्ता संघर्ष का खेल का मैदान नहीं बनने देना चाहिए।’

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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